google.com, pub-1809443929674798, DIRECT, f08c47fec0942fa0 West Bengal BJP President Election 2026

West Bengal BJP President Election 2026

 पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में समिक भट्टाचार्य सबसे आगे, जल्द हो सकती है घोषणा

समिक-भट्टाचार्य


पश्चिम बंगाल भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि पार्टी नेतृत्व अगले एक-दो दिनों में उनके नाम की औपचारिक घोषणा कर सकता है।

वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का कार्यकाल पिछले साल सितंबर में समाप्त हो गया था। हालांकि, नए अध्यक्ष की नियुक्ति न होने के कारण वह अब तक कार्यभार संभाले हुए हैं। लोकसभा चुनावों के नतीजों और पार्टी के संगठनात्मक समीक्षाओं के बाद अब भाजपा नेतृत्व राज्य में नए सिरे से संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसी के तहत नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।

समिक भट्टाचार्य को पार्टी के अंदर अनुभवी, संतुलित और संवादप्रिय नेता माना जाता है। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मुलाकात की थी, जिसके बाद से उनके नाम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि समिक भट्टाचार्य की छवि एक सुलझे हुए नेता की है, जो बंगाल जैसे संवेदनशील राजनीतिक राज्य में संगठन को फिर से सक्रिय करने में मददगार हो सकते हैं।

बताया जा रहा है कि अगर कोई और नाम सामने नहीं आता, तो समिक भट्टाचार्य को सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है। हालांकि, तकनीकी प्रक्रिया के अनुसार मंगलवार को उम्मीदवारों के नामांकन होंगे और उसके बाद आधिकारिक सूची जारी की जाएगी। अगर एक से अधिक नामांकन होता है, तो 3 जुलाई को मतदान कराया जाएगा, जिसमें राज्य परिषद के लगभग 415 सदस्य भाग लेंगे। परिणाम अगले दिन घोषित किए जाएंगे। लेकिन फिलहाल पार्टी में यह धारणा बन चुकी है कि चुनाव की नौबत नहीं आएगी और नामांकन सिर्फ औपचारिकता भर होगा।

भाजपा के लिए 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका रणनीतिक और संगठनात्मक दृष्टिकोण से काफी अहम मानी जा रही है। समिक भट्टाचार्य जैसे नेता को जिम्मेदारी सौंपना पार्टी की एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश हो सकती है कि अब वह बंगाल में ज़मीनी स्तर पर संगठन को मज़बूत कर विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका को और प्रभावी बनाएगी।



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