google.com, pub-1809443929674798, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Kartik Maharaj Ko Tatkalin Rahat

Kartik Maharaj Ko Tatkalin Rahat

 कोलकाता हाई कोर्ट में कहा गया: ‘गुरु’ कार्तिक महाराज के खिलाफ गुरुवार तक कोई कार्रवाई नहीं होगी

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कोलकाता हाई कोर्ट में मंगलवार को यह सुनवाई हुई कि बड़लेडंगा आश्रम के पद्मश्री से सम्मानित संत कार्तिक महाराज (स्वामी प्रदीप्तानन्द) के खिलाफ चल रही एफआईआर को लेकर फिलहाल कोई जबरदस्त कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।

राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि मंगलवार को वे मामले में अपनी दलील पेश नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने राज्य की इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि अगली सुनवाई 3 जुलाई गुरुवार दोपहर तीन बजे निर्धारित की गई है, तब तक कोई गिरफ्तारी या समन जारी नहीं किया जाएगा ।

यह मामला मार्च के अंतिम सप्ताह में शुरू हुआ जब एक महिला ने कार्तिक महाराज पर 2013 में नौकरी का झांसा देकर आश्रम की स्कूल में पद दिलाने का वादा कर के बार‑बार बलात्कार करने और गर्भपात कराने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि उन्हें आश्रम में रुकने की व्यवस्था दी गई, लेकिन वहां शिक्षक का कार्य आरंभ होने के बाद महाराज द्वारा कई बार दुर्व्यवहार की मांग की गई ।

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नवग्राम थाने की पुलिस ने महाराज को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन वे हाज़िर नहीं हुए और इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया। अदालत में उनकी ओर से यह दलील दी गई कि वह एक सम्मानित संत और समाज सेवक हैं, और उन पर लगाए गए आरोप बिना पुष्टि के हैं ।

पुलिस और पीड़िता की ओर से संत की परंपरागत प्रतिष्ठा और राजनीतिक संबंधों को लेकर भी बहस छिड़ चुकी है। तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा संत की 'रक्षा' कर रही है, जबकि भाजपा इसे राजनीति का हिस्सा बता कर पलटवार कर रही है ।

अगली सुनवाई 3 जुलाई गुरुवार को होगी, तब अदालत एफआईआर को जारी रखने या उसे रद्द करने का अंतिम फैसला सुना सकती है।



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