google.com, pub-1809443929674798, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Chinmoy Krishn Das Ko Bangladesh Court Ne Hatya Ka Abhiyukt Banaya

Chinmoy Krishn Das Ko Bangladesh Court Ne Hatya Ka Abhiyukt Banaya

 चटगाँव कोर्ट का आदेश: हिन्दू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास वकील हत्या मामले में मुख्य आरोपित बने 

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बांग्लादेश के चटगांव में वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या मामले में हिन्दू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास को मुख्य आरोपी बनाया गया है। सोमवार को चटगांव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें चिन्मय कृष्ण दास समेत कुल 38 लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि हत्या की साजिश चिन्मय कृष्ण दास के इशारे पर रची गई थी और उन्हीं के उकसावे पर हमला हुआ।

घटना 26 नवंबर 2024 को चटगांव कोर्ट परिसर में हुई थी। उस दिन चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में कोर्ट में पेश किया गया था। पेशी के दौरान उनके समर्थकों ने अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, जो बाद में हिंसक हो गया। इस दौरान वकील सैफुल इस्लाम अलिफ पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से पूरे बांग्लादेश में आक्रोश फैल गया था।

हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया और जांच शुरू की। जांच के दौरान सामने आया कि चिन्मय कृष्ण दास न केवल इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे, बल्कि उन्होंने अपने समर्थकों को उकसाया भी था। पुलिस के अनुसार, चिन्मय के निर्देश पर ही यह हमला किया गया।

इससे पहले चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और सरकार विरोधी भाषण देने के आरोप भी हैं। पिछले कुछ महीनों में उन पर कई अन्य गंभीर मामलों में भी एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें हत्या और दंगा भड़काने के आरोप शामिल हैं।

पुलिस ने चार्जशीट में चिन्मय कृष्ण दास को मामले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। कोर्ट ने चार्जशीट स्वीकार करते हुए सभी 38 आरोपियों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख तय की है।

मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क है और अदालत परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस पूरे घटनाक्रम को बांग्लादेश के राजनीतिक और धार्मिक माहौल से भी जोड़कर देखा जा रहा है। चिन्मय कृष्ण दास पहले इस्कॉन से जुड़े हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना स्वतंत्र धार्मिक संगठन शुरू किया था, जिसके अनुयायियों की संख्या भी काफी है।

इस मामले पर देश की विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने चिंता जताई है और निष्पक्ष न्याय की मांग की है। वहीं, पीड़ित पक्ष ने उम्मीद जताई है कि अदालत में उन्हें इंसाफ मिलेगा।


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