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CHC Ne SSC Ko Latara

⚖️ सीएचसी ने सवाल उठाया SSC के नए नियमों पर — क्यों बनीं नई पेंचें भर्ती प्रक्रिया में?

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कोलकाता: कोलकाता उच्च न्यायालय ने हाल ही में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा जारी किए गए नए भर्ती नियमों पर कठोर सवाल उठाए हैं। अदालत ने नियुक्त नोटिफिकेशन में आई तकनीकी और नीति संबंधी चुनौतियों का संज्ञान लिया और जानना चाहा कि इतने बड़े बदलाव वर्तमान न्यायालयी निर्देशों के अनुरूप कहां तक हैं

🧩 कैसा है यह विवाद?

  • SSC ने 2025 की भर्ती में लिखित परीक्षा का वज़न बढ़ाकर 60 अंक कर दिया, जबकि शैक्षिक योग्यता के अंक घटाकर मात्र 10 कर दिए गए।

  • साथ ही, अनुभव के आधार पर 10 अंक देने का प्रावधान शामिल किया गया, और इंटरव्यू के लिए भी 10 अंक रखे गए।

  • इन बदलावों का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का दावा है कि यह नया नियम 2016 में लागू एससी निर्देशों के खिलाफ है और इससे मुसीबत में पड़े उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिल जाएगी।

🔍 हाईकोर्ट ने क्या कहा?

  • अदालत ने SSC से पूछा कि क्या यह नया ढांचा उच्चतम न्यायालय के 2016 और 2025 के आदेशों के अनुरूप है।

  • विशेष रूप से यह सवाल भी उठाया गया कि “अकादमिक अंक घटाकर और अनुभव अंक जोड़ने” से उन उम्मीदवारों को लाभ होगा जो पहले टैस्ट में कामयाब नहीं हुए—क्या यह निष्पक्ष है?

  • अदालत ने यह भी देखा कि आयु सीमा में छूट और पुनर्वर्गीकरण, जो SC कोर्ट ने आदेशित किया गया था, वह नोटिफिकेशन में पूरी तरह लागू की गई है या नहीं

🗓️ सुनवाई और आगे क्या होगा?

  • उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 जून को तय की है।

  • उसने SSC को निर्देश दिया है कि मामले से जुड़े डिजाइन-बदलाव और पुराने आदेशों से विसंगतियों का जवाब अदालत में प्रस्तुत करें।

  • Petitioners (अभ्यर्थी) ने अदालत से यह भी माँगा है कि यदि ये नियम SC निर्देशों के खिलाफ हैं, तो नोटिफिकेशन को रोका जाए

👩‍🏫 अभ्यर्थियों की चिंता क्या है?

  • जो लोग 2016 की प्रक्रिया में कच्चे या रिजेक्ट हुए, वे कहते हैं कि उम्र सीमा बढ़ने की वजह से अब उन्हें 2025 में सीधे फायदा मिल सकता है

  • साथ ही, शैक्षिक अंक कम होने से उन उम्मीदवारों को फायदा मिल सकता है जिन्होंने कक्षा 12 या ग्रेजुएशन में कमजोर प्रदर्शन किया था, जो अब नाराज़गी का कारण है।

  • अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि इंटरव्यू और अनुभव आधारित अंक से घरेलू नौकरी करने वाले उम्मीदवारों को बढ़त मिल जाएगी, जो शैक्षणिक प्रतियोगिता से भटकोंगे।

🧭 निष्कर्ष

SSC की भर्ती प्रक्रिया में यह विवाद साफ़ करता है कि विशेष बदलाव केवल परीक्षा नहीं, बल्कि न्याय, समान अवसर और लोकहित से जुड़ा प्रश्न है
उच्च न्यायालय की सुनवाई आने वाले दिनों में यह स्पष्ट कर देगी कि क्या SSC बिना कोई कानूनी जोखिम लिए इस संशोधन को लागू कर सकती है — या वापस लौटना पड़ेगा 2016 और 2025 के सर्वोच्च न्यायालयी निर्देशों के अनुपालन में।

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