google.com, pub-1809443929674798, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Kalyan Banerjee Ke Kasba Rape Case Bayan Pe Bawal

Kalyan Banerjee Ke Kasba Rape Case Bayan Pe Bawal

🗣️ "अगर दोस्त ही अपनी दोस्त के साथ ऐसा करे तो सरकार क्या कर सकती है?" — कल्याण बनर्जी के बयान पर बवाल, कोलकाता गैंगरेप केस ने गरमाया सियासी माहौल

Kalyan -Banerjee


कोलकाता: हाल ही में दक्षिण कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज परिसर में एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने राज्यभर में गुस्से और आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। जहां इस घटना को लेकर आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी के बयान ने आग में घी डालने का काम किया।

🔥 क्या बोले कल्याण बनर्जी?

मीडिया द्वारा कॉलेज परिसर में सुरक्षा और अपराध की रोकथाम को लेकर सवाल पूछे जाने पर कल्याण बनर्जी ने कहा:

“अगर कोई युवक अपनी प्रेमिका के साथ ऐसा अपराध करता है, तो इसमें सरकार क्या कर सकती है? क्या हर वक्त पुलिस हर कॉलेज के हर कमरे में मौजूद रह सकती है?”

उनका यह बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक तीखी आलोचना का कारण बन गया है।

👩‍⚖️ घटना की पृष्ठभूमि

  • यह मामला कोलकाता के कसबा इलाके में स्थित एक लॉ कॉलेज का है, जहां कॉलेज परिसर के भीतर ही एक छात्रा के साथ कथित रूप से उसके जान-पहचान के युवक और उसके दोस्तों ने बलात्कार किया।

  • छात्रा के बयान और CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

  • कॉलेज प्रशासन ने मामले को लेकर एक इमरजेंसी बैठक बुलाकर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए हैं।

🧨 राजनीतिक प्रतिक्रिया

  • विपक्षी दलों ने कल्याण बनर्जी के बयान को "असंवेदनशील", "पीड़िता को दोषी ठहराने वाला", और "बलात्कारियों को परोक्ष रूप से बचाने वाला" बताया।

  • भाजपा ने तीखा हमला करते हुए कहा कि जब सत्ता में बैठे नेता ही ऐसी बातें कहें, तो आम जनता और खासकर महिलाएं कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी?

  • वाम दलों ने बयान को महिला विरोधी करार देते हुए विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।

🎓 छात्र संगठनों और समाज की नाराज़गी

कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं में भारी रोष है। कई छात्र संगठनों ने कल्याण बनर्जी से माफी की मांग की है और कहा कि इस तरह की सोच से समाज में अपराधियों को हौसला मिलता है।

साथ ही, महिला संगठनों ने इस घटना और बयान के विरोध में कोलकाता पुलिस हेडक्वार्टर और विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

🧠 क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?

  • सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि दोस्ती और निजी संबंध के नाम पर अपराध को हल्का बताना कानून और नैतिकता दोनों के खिलाफ है।

  • मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे बयान पीड़िता की मानसिक स्थिति को और कमजोर करते हैं और उन्हें न्याय की लड़ाई में अकेला छोड़ देते हैं।

✅ निष्कर्ष

कल्याण बनर्जी का बयान सिर्फ एक नेता की जुबान से निकले शब्द नहीं हैं, बल्कि यह एक राजनीतिक चेतना और संवेदनशीलता की परीक्षा है। बलात्कार जैसी घटनाएं केवल कानून से नहीं, बल्कि समाज की सोच और नेताओं की जिम्मेदारी से भी रोकी जाती हैं।

📢 Bengal News पर हम लाते हैं हर संवेदनशील मुद्दे की रिपोर्ट — सच के साथ, आपकी भाषा में।

👉 आपकी राय क्या है? क्या नेताओं को ऐसे मामलों में बोलने से पहले संयम बरतना चाहिए? हमें कमेंट में बताएं।



एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने