google.com, pub-1809443929674798, DIRECT, f08c47fec0942fa0 BJP Ki Pahli Mahila Adhyaksh?

BJP Ki Pahli Mahila Adhyaksh?

 भाजपा को जल्द मिल सकती है पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी में नेतृत्व को लेकर मंथन जारी

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर जारी असमंजस के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि पार्टी इतिहास में पहली बार किसी महिला को शीर्ष नेतृत्व की कमान सौंपी जा सकती है। संगठनात्मक स्तर पर भाजपा इस बार एक बड़ा और प्रतीकात्मक बदलाव करने की तैयारी में है, जिसमें महिला नेतृत्व को प्राथमिकता दी जा सकती है।

फिलहाल जे. पी. नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन उनका कार्यकाल पहले ही बढ़ाया जा चुका है और अब संगठनात्मक चुनावों के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होनी है। हालांकि इस बार उम्मीदवार के नाम को लेकर पार्टी के भीतर एकमत नहीं बन पा रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से यह सुझाव आया है कि पार्टी को इस बार एक महिला नेता को जिम्मेदारी देनी चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक, तीन दक्षिण भारतीय महिला नेताओं के नाम सबसे आगे चल रहे हैं:

  1. निर्मला सीतारमण – वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री हैं। वे पूर्व में रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं और लंबे समय से भाजपा और संघ दोनों के साथ गहरे संबंधों में रही हैं। उनकी कार्यक्षमता, नीति पर पकड़ और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान उन्हें एक मज़बूत दावेदार बनाती है।

  2. वनाथी श्रीनिवासन – तमिलनाडु से विधायक हैं और महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे वर्तमान में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य भी हैं। दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार में उनकी अहम भूमिका रही है।

  3. डी. पूर्णेश्वरी – आंध्र प्रदेश में भाजपा की प्रमुख महिला नेताओं में गिनी जाती हैं। वे क्षेत्रीय संगठन की अच्छी समझ रखती हैं और पार्टी के लिए निचले स्तर पर काम करने का लंबा अनुभव रखती हैं।

इन नामों पर मंथन के पीछे रणनीतिक सोच भी है। भाजपा आगामी वर्षों में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने की दिशा में काम कर रही है। हाल ही में संसद में पारित महिला आरक्षण विधेयक के बाद पार्टी नेतृत्व में महिला चेहरा देने से एक स्पष्ट सामाजिक संदेश भी जाएगा।

इसके साथ ही, भाजपा का यह प्रयास भी है कि वह दक्षिण भारत में अपनी पैठ और मजबूत करे, जहां उसे अपेक्षित सफलता अब तक नहीं मिल पाई है। ऐसे में दक्षिण भारतीय महिला नेता को अध्यक्ष बनाकर पार्टी संगठन और रणनीति दोनों स्तरों पर संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है।

हालांकि, इस विषय पर अभी तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि जुलाई के अंत तक भाजपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। अगर किसी महिला को यह पद सौंपा जाता है, तो यह भाजपा के इतिहास में पहली बार होगा कि कोई महिला नेता पार्टी की कमान संभालेगी।

इस निर्णय से पार्टी न केवल संगठनात्मक विविधता की ओर एक कदम बढ़ाएगी, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले महिला मतदाताओं को भी एक सकारात्मक संदेश देगी। अब देखना यह है कि भाजपा किस चेहरे पर अंतिम मुहर लगाती है।



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